भारतीय समाज में गुरु शिष्य परंपरा का प्राचीन काल से बहुत महत्त्व है । वैद काल में ब्रह्मचार्य आश्रम में बच्चों का शैक्षिक काल गुरुकुल में बीतता था । गुरुकुल में ब्रह्म मुहूर्त से ही जीवन चर्या शुरू हो जाती थी , जो ब्रहम मुहूर्त में स्नानं आदि से शुरू हो कर , योग, मंत्रोच्चारण,Continue reading “गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) : गुरु शिष्य परंपरा एक अनुभूति”